ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन के गियर कंट्रोल लीवर को सीध में या जिगजैग पैटर्न में स्विच किया जा सकता है। इन विकल्पों के बीच मौलिक अंतर क्या है।
कई ड्राइवर यह समझने की कोशिश करते हैं कि कुछ कारों में ऑटोमेटिक गियर का लीवर सीधे चलता है जबकि कुछ में यह जिगजैग पैटर्न में चलता है। पहली नजर में यह केवल एक डिज़ाइन की आत्मीयता या आदत का मामला लग सकता है, लेकिन प्रत्येक समाधान का अपना कार्यात्मक प्रमाण है। वाहन मरम्मत और रखरखाव क्षेत्र के विशेषज्ञ बताते हैं कि इन तंत्रों के बीच का अंतर सीधे ट्रांसमिशन के प्रकार से जुड़ा नहीं है - चाहे वह क्लासिक टॉर्क कन्वर्टर हो, सीवीटी या रोबोट। यह केवल अनियंत्रित मोड के आकस्मिक सक्रियण से सुरक्षा की कार्यान्वयन की बात है।
जिगज़ैग सेलेक्टर को इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि गियर बदलने के लिए लीवर को आवश्यक 'लूप' में भौतिक रूप से निर्देशित करना होगा। यह एक अतिरिक्त संवेदनशील अवरोध पैदा करता है, जिससे ड्राइवर गलती से 'D' से 'R' के लिए छलांग नहीं लगा सकता। यह विशेषकर उन कारों के लिए उपयुक्त है जिनमें इलेक्ट्रोनिक लॉकिंग बटन मौजूद नहीं होते।
दूसरी ओर, सीधी स्विचिंग स्कीम को लीवर में ही शामिल विशेष बटन दबाने की आवश्यकता होती है। इसके बिना सेलेक्टर की स्थिति बदलना असंभव है। यह एक प्रकार की सुरक्षा प्रणाली है, जो बस विभिन्न रूप से - इलेक्ट्रोमेकैनिक्स के माध्यम से कार्यान्वित की गई है। इस तरह के लीवर खासकर यूरोपीय और जापानी निर्मित कारों में अधिक सामान्य हैं, जहां एर्गोनॉमिक्स और न्यूनतरता प्राथमिकता में होते हैं।
गियरबॉक्स के कार्यग्रण बाsगंजा परिप्रेक्ष्य से देखें तो इन विधियों में से किसी एक से लाभ नहीं होता। दोनों ही मामलों में ड्राइवर समान मोड - 'P', 'R', 'N', 'D' आदि को प्रबंधित करता है। केवल अंतर गियर सेलेक्टर के यांत्रिकी और सुविधा में है, जिसे प्रत्येक ड्राइवर व्यक्तिगत रूप से अपनाता है।